गुमनाम फरिश्ता, भानु पालीवाल

।।गुमनाम फरिश्ता, भानु पालीवाल।।

कभी तुमसे कोई कहे की चलोगे शमशान, तो तुम घबरा जाओगे, और कहोगे पागल हो गए हो क्या, आखिर कौन जाना चाहता है, जीते जी श्मशान , श्मशान में कभी जश्न नहीं मनता वहां तो गमगीन माहौल में चिताऐ जलती हुई देखी जाती है,उन जलती चिताओं के इर्द-गिर्द बैठे हुए लोगों के बीच एक नौजवान आता है, जिसका ना तो मरने वालों से ना वहां उपस्थित बैठे हुए लोगों से कोई वास्ता होता है।

हां हम आज उसी गुमनाम शख्सियत ही बात करने जा रहे हैं जो उस श्मशान में प्रकट होता है, उस शख्सियत का नाम है भानु पालीवाल, वैसे उनके एक अलग ही अंदाज को कई लोगों ने देखा है, प्यार से कई लोग उनको मंगल पांडे भी कहते हैं, लेकिन आज हम उनके उस कार्य को सबके सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं जो वाकई में उनको आम से खास बनाता है, जो काबिले तारीफ है।

किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके घर से अन्तिम विदाई होती है, रास्ते में राम नाम सत्य कहते हुए लोगों के शमशान की ओर बढ़ते कदम आखिर में विश्राम घाट पर रुक जाते हैं, जहां पर बहुत ही गमगीन माहौल में उसको चिता पर लिटाया जाता है।

तपती धूप में साथ आए हुए लोग छाया देखकर इधर-उधर बैठ जाते हैं, थोड़ी ही देर में उनके कंठ सूखने लगते हैं, प्यास लगने लगती है, तब उनकी आंखें तलाश करती है पानी की, चारों ओर नजर घुमाने पर भी उनको वहां पानी की कोई भी सुविधा नजर नहीं आती, तब उनका शरीर बेचैन होने लगता है।

तभी एक नौजवान भानु पालीवाल ठंडे पानी के कैंपर ले कर श्मशान में प्रवेश करता है, वह हर व्यक्ति के पास में जाता है और बड़े ही आदर से सबको शीतल जल पिलाकर उनके सुखे कंठो को तृप्त करता है, ऐसा नहीं है कि यह गुमनाम शख्स एक जगह ही पानी रखकर इतिश्री कर लेता है, बल्कि पूरे श्मशान में जो जहां बैठा है, वहां जाकर उनको बड़ी ही आत्मीयता से पानी पिलाता है, जब सब लोग पानी पी लेते हैं तो वह निकल जाता है बिना कुछ कहे अगले पड़ाव की ओर।

इस शख्स की कोई संस्था नहीं है, ना ही इस सेवा कार्य के लिए यह नियुक्त है, ना ही वह इस कार्य के लिए पैसा लेते हैं, बल्कि इनको जैसे ही समाचार मिलते है, यह शख्स लग जाता है अपने सेवा कार्य को अंजाम देने के लिए,
अक्सर हम देखते हैं कई नेताओं को, बड़े-बड़े सेवा करने वालों को जो कार्य तो करते हैं लेकिन प्रदर्शन के लिए, लेकिन यहां पर यह शख्स चुपचाप आता है और सेवा करके निकल पड़ता है।

ऐसे निस्वार्थ सेवाभावी भानु पालीवाल (मंगल पांडे) को हम सलाम करते हैं, और ठाकुर जी से यही दुआ करते हैं कि आप जो बिना लोभ, लालच, मोह,माया के मानव की निस्वार्थ भावना से जो सेवा कर रहे हैं, आपको उसका फल जरूर मिले।

जय श्री कृष्णा
राहुल दीक्षितRD (कांकरोली)


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