कांकरोली सूं रेलमगरा तिने आवे पहलो नाम
फाटक उतरता ही चालू वेवे मारो एमड़ी गाँव
तालेड़ी नदी ने नमन करी ने आवो इणरे माय
रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी खड़ी है स्वागत रे माय
थोड़ा आगे आता ही बिछी है फूला री सादड़ी
देखो आप आई ग्या मारे मालियों की बावड़ी
वणियूँ थोडी पेला आवेला रोड़ थोड़ी सी सस्ती
जठे बणी है महावीर काम्प्लेक्स और भील बस्ती
बावड़ी सूं लेता आजो बालाजी रो आशीर्वाद
हर मंगलवार वेवे अठे आरती में खूब धूमधाम
अबे आपरी प्यास बुझावा आवेला पानी री टंकी
दाना-बूढ़ा री बैठक या रुपा बा रे चाय री भट्टी
राशन लेवा आवो अणि शंकर जी री दुकान में
आगे ऊबा सेवाराम जी ले चाय रो जग हाथ में
आओ नमन करो थे अब सांवरिया सरकार ने
मंदिर जबर बण्यो है यो विट्ठल वाला वास में
भड़े बण्यो है दरवाजो यो है पुरखा री निशानी
खण-खण वाजे घूघरा जद खेंखरो भड़के भारी
चौपाटी पे ऊबो है वडळो देखो सीनो तान
मनक वेग्या पुराणा पर यो हाल नवो है आज
कर प्रणाम घंटी वजावो ये आपणा बालाजी सरकार
पेला उला दोई हाथ ने मिलावे अंजनीपुत्र कुमार
या धरती घणी राखे है इणरे भक्ता री लाज
अठे बिराजै खेड़ादेवी, दोवड़ा और पिपलाज
समरसता रो भरियो है म्हरा गाँव में भण्डार
अठे पूजावे पगल्या वाला रामदेव अवतार
अबे करू मैं स्वागत आपरो एमड़ी रे दुजे हाथ
धन्य धरा या धरती है द्वारिकाधीश जी रो वास
धोला संगमरमर सूं बन रियो है मंदिर घणो ही खास
काम करे सब द्वारिकाधीश और वेवे गाँव रो नाम
ऊबी वरका में काम आवे यो सामुदायिक भवन
भड़े वणी है वावड़ी देखिन वेइ जावे सब मगन
वडली वाला भेरूजी री है गाँव में रखवाली
पितल बावजी रे लगे है पानी वाली बाती
आई जाओ थे लेइन थैली झोला हाथ में
आकि रोड पे वणी है सब दुकाना कतार में
रामू भैया लच्छू भैया और अनिल री दुकान
चम्पा लाल जी रे अटे है कोटा वाली धान
घी-दूध री दोई टेंम नदियाँ म्हारे गावँ में वेइरी
बी.एन.,मातेश्वरी,भाग्यलक्ष्मी और साँवरिया डेयरी
अतरोक घुमिन थे यूँ किस्तर घबराई रा
अबे घणा घेला देखना हाल बाकि रेईरा
वो देखो चिंटू थाने वणी रास्ता ऊं देखर्यो
नाम है अणि घेला रो नोगामा रो हेर्यो
अगर ज्यादा घूमो ला तो कमर वेई जा ला मड़ी
क्योंकि अणि रस्ता रो नाम है गोरमा वाली गली
अबे दिखऊ मुँ आपने मारा गाँव री शक्ति
पग पग पे स्कूल वण्या या है शिक्षा री मंडी
दूर-दूर रा टाबरिया मारे एमड़ी पढ़वा आवे है
मात-पिता, गुरुदेव रो सबरो नाम वणावे है
खेल-कूद रा नाम ये कदी नी रेवे पाछे
छोरा लारे छोरिया भी है खेल में आगे
स्टेट, नेशनल, आर्मी सब में परचम लहरायो है
अणि ग्राउंड री माटी रो सब जन तिलक लगायो है
अन्न-पानी री आस में अटे कई मनक-लुगाया आवे है
सोना जसि अणि माटी में सब रोजगार पावे है
एक अकेलो जे.के. कतरा री भूख मिटावे है
एक बार जो आई जा फिर कटे नहीं वो जावे है
ढांडा ढोर रा दूध री थे वणावो खुब मलाई
वेजा अगर ये मांदा तो ले जाओ हाँड्या तलाई
वेगी पूरी परिक्रमा अब खाओ थे सब पेड़ा
क्योंकि आपि सब आई ग्या हा अबे भट्टखेड़ा
कर प्रणाम अटे भेरूनाथ ने खाओ आका-पाती
हर साल करावे डोकरा अटे घणी जबर परसादी
अबे आपसु लेवा आज्ञा नैना में भरायो नीर
सीमा वी समाप्त अबे आयो बनास रो तीर
कतरा ही जोर सूं अबके आवे सावन-भादो
बनास नदी पे बंध्यो है पूल घणो ही काटो
करता करता दर्शन आपने लाया अणि पार
मौको मिले तो आवजो पाछा वार-तेवार
मीठा लोग मीठी बोली है इणरी पहचान
कोई पूंछे तो वताजो एमड़ी इणरो नाम
धन्य धरा या धरती शत शत कवि करे प्रणाम
लिखी या जो कविता उणरो देव अजनबी नाम
कवि देव अजनबी ✍🏻
एक एमड़ी नागरिक 🙏🏻🙏🏻