राजसमंद झील से पानी छोड़ने की मांग

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राजसमंद झील के ओवफ्लो होने के बाद अब झील से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसको लेकर किसानों व प्रशासन की बैठक की मांग की जा रही है। इसी संबंध में प्रतापपुरा गांव के किसानों ने बैठक आयोजित कर राजसमंद झील से नहरों के माध्यम से पानी छोड़ने के संबंध में जल्द ही किसानों व प्रशासन की बैठक बुलाने की मांग की है।

बैठक में किसानों ने बताया कि किसान खेतों में मक्का की फसल को साफ करके खेतों को तैयार करने में लगे हुए है। ऐसे में समय रहते किसानों व प्रशासन की बैठक हो जाए, जिसमे आवश्यक निर्णय की जानकारी सार्वजनिक करे, जिसके अनुसार खेतों की बुवाई की तैयारी शुरू की जाए।वही लोक अधिकार मंच ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि झील के 30 फीट पानी में से सिंचाई के लिए 20 फीट से ऊपर का ही पानी छोड़ा जाए।

साथ ही सिंचाई के लिए पानी छोड़ने से पूर्व जमीनी स्तर पर पूरी जानकारी करने और 20 फीट से ऊपर का पानी ही छोड़ने की मांग की गई। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएल लढ्डा के अनुसार झील में दो वर्ष के लिए 700 एमसीएफटी एवं 41 एमसीएफटी जेके फैक्ट्री की आवश्यकता मानते हुए सन 2012 में 7 फीट से उपर का पानी सिंचाई के लिए दिया जाना उपयुक्त माना था। झील में 7 फीट पानी रखना निश्चित किया गया, लेकिन पिछले 11 वर्षों से स्थिति बदल गई है।

अब एक साल में पेयजल के लिए 700 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता है।ऐसे में दो साल के लिए 1400 एमसीएफटी पानी पीने के लिए और 82 एमसीएफटी पानी जेके टायर फैक्ट्री के लिए आवश्यक है। ऐसे में नहरों को खोलने से पहले विशेषज्ञों से राय लेकर 2 वर्षों में कितना पानी वाष्प बनकर उड़ेगा और सिपेज में कितना पानी खत्म होगा, इन सब को जोड़कर दो साल के लिए पीने का पानी और उद्योग के लिए रखना चाहिए। राजसमंद झील की कुल भराव क्षमता 3786 एमसीएफटी है।



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